वजू करने का तरीका यह है

 

वजू (وضو) का मुकम्मल तरीका कुरआन और हदीस की रोशनी में इस तरह है:


वजू करने का सही तरीका


1. नीयत (نیت):

दिल में यह इरादा करे कि मैं अल्लाह की रज़ा के लिए वजू कर रहा हूँ।



2. बिस्मिल्लाह कहना:

वजू शुरू करने से पहले “بسم الله الرحمن الرحيم” कहना।



3. हाथ धोना:

दोनों हाथ कलाई तक तीन-तीन बार धोएं।



4.कुल्ली करना:


दांत साफ करना बेहतर है (मिस्वाक से)।


फिर मुंह में पानी लेकर अच्छी तरह कुल्ली करें (तीन बार)।




5. नाक में पानी डालना:

दाहिने हाथ से पानी लेकर नाक में डालें और बाएं हाथ से साफ करें (तीन बार)।



6. चेहरा धोना:

पेशानी से लेकर ठुड्डी तक और एक कान से दूसरे कान तक पूरा चेहरा तीन बार धोएं।



7. हाथ धोना कुहनी समीत:


दाहिना हाथ कुहनी तक तीन बार धोएं।


फिर बायां हाथ भी उसी तरह तीन बार धोएं।




8. मसह करना:


गीले हाथों से पूरे सिर का मसह करें (सामने से पीछे और पीछे से आगे)।


फिर कानों का मसह करें (भीतर और बाहर)।




9. पैर धोना:


दाहिना पैर टखनों तक तीन बार धोएं (उंगलियों के बीच भी)।


फिर बायां पैर भी उसी तरह तीन बार धोएं।






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वजू के फ़र्ज़ (ضروری अरकान) – बिना इनके वजू नहीं होगा:


1. चेहरा धोना



2. दोनों हाथ धोना (कुहनी तक)



3. सिर का मसह करना



4. दोनों पैर धोना (टखनों तक)





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वजू की सुन्नतें:


बिस्मिल्लाह कहना


मिस्वाक करना


हर चीज़ तीन-तीन बार करना


दायें से शुरू करना


तरतीब और लगातार करना




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👉 अबू हुरैरہ رضی اللہ عنہ से रिवायत है कि रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:

"मेरे उम्मती क़ियामत के दिन वजू के निशानों से पहचान लिए जाएंगे" (सहीह बुखारी, सहीह मुस्लिम)



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